बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी में रविवार को युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जनाक्रोश रैली के दौरान बड़ा हंगामा हो गया। एसआईआर, बेरोजगारी और तमाम मुद्दों को लेकर विरोध जताने निकले कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक लिया, जिसके बाद धक्का-मुक्की की नौबत आ गई। पुलिस ने राष्ट्रीय और प्रदेश पदाधिकारियों सहित कुल 37 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। देर शाम तक 33 कार्यकर्ताओं को निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया, जबकि चार कार्यकर्ताओं पर शांतिभंग में चालान कर कार्रवाई की गई।
युवा कांग्रेस (पूर्वी जोन) के आह्वान पर सुबह 11 बजे सर्किट हाउस के पास कार्यकर्ता जुटे और शास्त्री घाट की ओर मार्च निकालने लगे। नारेबाजी करते हुए जब वे कचहरी की तरफ बढ़े तो अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था शिवहरि मीणा, डीसीपी क्राइम सरवणन टी. और चार थानों की पुलिस फोर्स ने उन्हें रोक दिया। कार्यकर्ताओं के आगे बढ़ने पर हल्की झड़प हुई और पुलिस ने सभी को काबू कर लिया। हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं को बड़ागांव, चोलापुर, कैंट और रामनगर थानों में रखा गया।
रिहा किए गए कार्यकर्ताओं में राष्ट्रीय अध्यक्ष उदयभानु चिब और प्रदेश अध्यक्ष विशाल सिंह भी शामिल थे। वहीं कैंट में मयंक चौबे, बड़ागांव में चंचल शर्मा और रामनगर थाने में विशाल सिंह एवं अभिजीत तिवारी पर कार्रवाई जारी रही, क्योंकि इनके खिलाफ पहले से मुकदमे दर्ज थे। पुलिस ने साफ कहा कि कोर्ट से जमानत के बाद ही इनकी रिहाई संभव होगी।
कांग्रेस के इस प्रदर्शन को देखते हुए शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। प्रधानमंत्री के संसदीय जनसंपर्क कार्यालय, कचहरी और शास्त्री घाट जैसे संवेदनशील स्थानों पर भारी फोर्स तैनात रही। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल खुद हेलमेट, बॉडी प्रोटेक्टर और बल के साथ गश्त करते रहे और अफसरों को सतर्क रहने, अराजकतत्वों की पहचान कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। कई कांग्रेस नेताओं के घरों पर भी पुलिस बल तैनात था, जिसके चलते वे दिनभर हाउस अरेस्ट जैसी स्थिति में रहे।